
शालिनी स्कूल से आते ही अपना पर्स टेबल पर रख कर बिस्तर पर गिर पड़ी । और उसकी आंखों से निकलने वाले आंसु जो तकिए पर झरनें की तरह गिर रहे थे को पोंछते हुए वह अतित की यादों में खो गई। उसका भी हंसता खेलता परिवार था।उसे समझने वाला उसका पति मिहिर और सास, ससुर, देवर, ननद पूरा परिवार पर इन रिश्तो की उम्र सिर्फ 7 महीने ही थी। पर इन सब में किसका दोष था वह खुद ही आज अपनी इस अकेलेपन की जिम्मेदार थी।

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